मुख्यमंत्री की घोषणा धरातल पर उतरी तो, शहर के करीब साढ़े 13 सौ परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। पुनर्वास निदेशालय ने सरकार के निर्देश पर अतिक्रमण वाली भूमि, भवनों का सीमांकन शुरू कर दिया है। सीमांकन के बाद शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद उम्मीद है कि सरकार विस्थापितों से अतिक्रमण वाली भूमि का सर्किल रेट के आधार पर धनराशि जमा करवाकर मालिकाना हक देगी।
पुरानी टिहरी डूबने के बाद बने नई टिहरी में पुनर्वास निदेशालय ने अधिकांश विस्थापितों को अविकसित भूखंड आवंटित किए थे। विस्थापितों ने अविकसित भूखंडों को विकसित कर मकान, दुकान समेत अन्य तरह के निर्माण किए थे, लेकिन विकसित के बाद बढ़े भूमि के अतिरिक्त क्षेत्रफल को पुनर्वास निदेशालय अतिक्रमण मान रहा है। वर्ष 2018 में प्रशासन ने करीब 164 स्थानों से अतिक्रमण हटाया था। स्थानीय विधायक डा. धन सिंह नेगी ने अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का एकमुश्त समाधान के लिए सरकार से आग्रह किया था। वर्तमान में सरकार के निर्देश पर शहर में अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि, दुकान और मकान का सर्वे हो चुका है। सर्वे में करीब साढ़े 13 सौ परिवारों को चिह्नित किया गया है। 11 सितंबर को टिहरी पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिरिक्त भूमि को संबंधित व्यक्ति को देने की घोषणा की थी।