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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 30 Mar 2022 5:23 pm IST


बोतलबंद पानी से बुझेगी यात्रियों की प्यास


चारधाम यात्रा की तैयारियों के नाम पर प्रशासन की ओर से लगातार निरीक्षण और बैठकें की जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों को अभी से व्यवस्था चाक चौबंद करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। मगर यात्रा पड़ावों व धामों में पेयजल को लेकर धरातल पर जो स्थिति अभी दिख रही है, उससे साफ है कि इस बार भी तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों को बोतलबंद पानी से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ेगी। हालांकि पेयजल महकमा यात्रा से पहले सभी व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कर रहा है।यात्रा के दौरान पेयजल संकट कोई नई बात नहीं है। हर साल स्थानीय निवासियों के साथ ही यात्रियों व पर्यटकों को पेयजल संकट से दो चार होना पड़ता है। प्रशासन की ओर से यात्रा पड़ावों समेत धामों में व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। बैठकों का आयोजन हो रहा है। मगर धरातल पर जो स्थिति है उससे यही लगता है कि इस बार भी पानी के संकट से यात्रियों को दो चार होना पड़ेगा। चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ की बात करें तो यहां मनौती तोक व परसारी से दो पेयजल योजनाओं के जरिये जोशीमठ में पानी की आपूर्ति होती है। गर्मियां शुरू होते ही जोशीमठ में पानी के संकट की बात लगातार सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि दोनों ही पेयजल योजनाएं बूढ़ी व जर्जर होने के कारण नागरिकों को तक पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यात्रियों को कहां से पानी मिलेगा यह सोचनीय विषय है। गोपेश्वर में पौने सात करोड़ की लागत से अमृतगंगा पेयजल योजना का निर्माण किया गया है। इस योजना पर पर्याप्त पानी भी है। मगर पेयजल संस्थान के अनियमित पेयजल वितरण प्रणाली के चलते यहां अभी से पानी का संकट शुरू हो गया है। चमोली कस्बे में खैन्युरी पेयजल योजना पर पानी कम होने के कारण यहां भी पानी की समस्या बनी हुई है। पीपलकोटी भी चारधाम यात्रा का अहम पड़ाव है। पीपलकोटी में पाखी गदेरे से पेयजल योजना स्वीकृत कराने के लिए एक दशक से यहां के निवासी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। मगर अभी तक योजना को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। गौचर, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग सहित अन्य यात्रा पड़ावों पर भी पेयजल संकट की स्थिति अभी तक बनी हुई है। हालांकि यात्रा के नाम पर जल संस्थान व जल निगम द्वारा अभी तक सिर्फ टंकियों पर रंग रोगन ही किया जा रहा है। ऐसी टंकियों पर भी रंग रोगन किया गया है जो वर्षों से सूखी पड़ी है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार निर्वाल का कहना है कि यात्रा पड़ावों सहित बदरीनाथ धाम में पानी के संकट से निपटने के लिए अभी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह खुद बदरीनाथ धाम का भी निरीक्षण कर चुके हैं। धाम में भी पानी की कोई समस्या नहीं है। यात्रा पड़ावों पर जहां पेयजल संकट है वहां टैंकर सहित अन्य माध्यमों से पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी।