स्वर कोकिला गायिका लता मंगेशकर के निधन से देशभर में शोक का माहौल है। उत्तराखंड में भी संगीत जगत से जुड़ी हस्तियों सहित मुख्यमंत्री व राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। वहीं बाबा रामदेव ने लता दीदी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ के अपने अनुभवों को साझा किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि स्वर, सनातन संस्कृति और सात्विक जीवन का मूर्त रूप थी पूज्य दीदी लता। मैंने कई बार उनसे संवाद किया। और जब भी मैं उनसे बात करता था, तब एक अलौकिक दिव्य ऊर्जा को महसूस करता था। उनका जीवन ही है ऐसा था। वह प्रकृति और परमेश्वर की अप्रतिम रचना थी। और हम सबके लिए भगवान का एक वरदान स्वरूप थी। मैं ऐसा देखता हूं। बाबा रामदेव ने कहा कि जब इतिहास पर नजर डालता हूं तो लता दीदी जैसा कोई दूसरा इस कला संगीत की दुनिया में कोई व्यक्तिव नहीं दिखाई देता। उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। सदियों के बाद ऐसा व्यक्तिव भगवान के अनुग्रह से धरती पर अवतरित होता है। ऐसे ही लता दीदी संगीत के सुरो का दिव्य अवतार थी। मैं लता दीदी को भावपूर्व श्रद्धांजलि देता हूं।