मध्य प्रदेश वन्य जीव संरक्षण के लिए अपनी अलग पहचान रखता है। टाइगर, तेंदुआ और घड़ियाल के बाद चीता स्टेट भी बन गया है।
आज अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर पीएम ने कूनो में चीतों का स्वागत किया। आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ और 3421 तेंदुए हैं और अब 8 चीते भी आ गए हैं। क्योंकि, मध्य प्रदेश में 30 प्रतिशत से अधिक जंगल है। 10 राष्ट्रीय उद्यान, 6 टाइगर रिजर्व, 25 वन्य जीव अभयारण्य हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोड़ गए 8 में से तीन चीतों को बाड़े में रखकर इनकी मॉनीटरिंग और ट्रेकिंग के लिए रेडियो कॉलर पहनाया गया है। इसके अलावा लगातार निगरानी के लिए मचान से रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी की जाएगी। इनको अभी एक महीने तक छोटे बाड़े में रखा जाएगा। इसके बाद बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। यहां के पर्यावरण में ढलने के बाद चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
दरअसल मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर अभयारण्य को इसलिए चुना गया क्योंकि, एक दशक पहले गिर के शेर को लाने के लिए तैयार किया था, लेकिन वह नहीं लगा जा सके। तो अब वो तैयारी चीतों के लिए काम आ रही है। चीतों को लंबी घास का जंगल और खुला मैदान पसंद है। कूनो में यह दोनों ही है। चीता 80 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं।
इसके अलावा कूनो नेशनल पार्क का बफर एरिया 1235 वर्ग किलोमीटर है। पार्क के बीच में कूनो नदी बहती है। माना जा रहा है कि, कूनो नेशनल पार्क 748 वर्ग किमी का इलाके में है और यहां इंसानों का आना-जाना बेहद कम है। इसलिए चीतों के सर्वाइव करने की संभावना बहुत ज्यादा है।
भोजन की बात करें तो कूनों में चीतल लाकर छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा यहां सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, चिंकारा, चौसिंघा, शाही, भालू, सियार, मंगूज जैसे कई जीव मौजूद हैं। इससे चीते को शिकार का भरपूर मौका मिलेगा।