शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में तीन से आठ घंटे तक रोजाना बिजली कटौती से त्राहि-त्राहि मची है। बिजली के नहीं आने से घरों में पानी नहीं आ रहा है। इससे दुकानदारों के अलावा किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
तराई में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती से लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों में ऊर्जा निगम के अधिकारियों के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि यूपीसीएल के अधिकारियों के फोन नंबर स्विच ऑफ आते हैं, जबकि टोल फ्री नंबर 1912 पर फाल्ट का रटारटाया जवाब दिया जाता है। इससे लोगों की परेशानी कम नहीं होती।
अधीक्षण अभियंता राजकुमार का कहना है कि जिले में प्रतिदिन 9.9 मिलियन यूनिट की मांग है। इसके सापेक्ष 8.2 मिलियन यूनिट बिजली मिल रही है। करीब 15 से 20 प्रतिशत कम बिजली मिलने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि यूपीसीएल हेड ऑफिस से अचानक ही रोस्टिंग की सूचना दी जा रही है। इसके चलते जनता को बिजली कटौती का समय बताना मुश्किल हो रहा है।