गंगा उद्गम स्थल गंगोत्री धार्मिक लिहाज से पूरे देश दुनिया में अपना विशिष्ठ महत्व रखता है। लेकिन प्रदेश की सत्ता से भी एक मिथक गंगोत्री से जुड़ा हुआ है। यह मिथक अभिविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से चला आ रहा है। जो इसे विशिष्ट बना देता है। चुपके-चुपके ही सही उत्तराखंड में राजनीतिक दल भी इस मिथक को अब नजरअंदाज नहीं कर पाते।
इसबार इस मिथकीय सीट पर गंगोत्री विधानसभा भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान व कांग्रेस प्रत्याशी विजयपाल सजवाण के बीच आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल ने वोटों की सेंधमारी की सक्रियता से मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया। आजादी के बाद सबसे पहले आम चुनाव हुए 1952 में हुआ। 1952 में उत्तरकाशी सीट से जयेंद्र सिंह बिष्ट निर्दलीय चुनाव जीते और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस समय उत्तर प्रदेश में गोविंद बल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। दोबारा 1957 में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस के जयेंद्र सिह बिष्ट निर्वरोध निर्वाचित हुए। लखनऊ में कांग्रेस की सरकार बनी।