उत्तराखंड में निजी विश्वविद्यालय बनाने के मानक सख्त होने जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि और निर्मित क्षेत्र का मानक बदलने को सहमति दे दी है। साथ ही राज्य में विवि स्थापित करने की इच्छुक शिक्षण संस्था का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव अनिवार्य होगा।
साथ ही उसके पास राष्ट्रीय प्रत्यायन संस्थान (नैक) से ए ग्रेड या उच्च ग्रेड होना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में आयोजित उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में वर्तमान नीति में संशोधन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से मंजूर हो चुका है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट के स्तर पर होगा।
सूत्रों ने बताया कि मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों को भी चिह्नित कर लिया गया है। इसके अनुसार ही भूमि, निर्मित क्षेत्र के मानक लागू होंगे। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की उच्च रैकिंग पर वरीयता मिलेगी। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने शुक्रवार को बैठक के निर्णयों को जारी करते हुए अधिकारियों को कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं।