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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 3 Apr 2022 4:30 pm IST


उत्तराखंड भू-कानून: बहुत हुई सिस्टम की लापरवाही, दस दिन में देनी होगी पूरी रिर्पोट


प्रदेश में भू-कानून में संशोधन को लेकर हो-हल्ला तो खूब मचा, लेकिन इसको नया स्वरूप देने के लिए संबंधित अधिकारी ही संजीदा नहीं दिखाई दे रहे हैं। भूमि कानून में संशोधन पर पुनर्विचार के लिए सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। पिछले दिनों समिति की ओर से इस संबंध में जिलों से तमाम सूचनाएं मांगी गई थीं, जो आधी-अधूरी भेज दी गई हैं।इस पर समिति के अध्यक्ष ने कड़ा एतराज जताया है। जिलों से 10 दिनों के भीतर पुन: निर्धारित प्रारूप में सूचनाएं भेजने को कहा गया है। प्रदेश में भू-कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) में संशोधन के अध्ययन एवं परीक्षण के लिए गठित समिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं।अगली बैठक छह अप्रैल को आयोजित की जाएगी। इससे पूर्व समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि पिछले दिनों चुनाव के कारण समिति का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया, लेकिन इससे पूर्व जिलों से भू-कानून में परिवर्तन के बाद जमीनों की खरीद-फरोख्त के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। अधिकतर जिलों ने आधी-अधूरी जानकारी ही उपलब्ध कराई है।