देहरादूनः दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में गरीब तबके के मरीज इलाज और उपचार के लिए पहुंचते हैं. लेकिन मरीजों की तादाद बढ़ने के बावजूद दून अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक में पार्किंग की समुचित व्यवस्थाएं नहीं है. इससे मरीज और तीमारदारों को दिक्कत झेलनी पड़ती है. मरीज और तीमारदारों को पेड पार्किंग में सड़क पर ही वाहन खड़े करने पड़ते हैं, जिसका पार्किंग शुल्क चुकाना पड़ता है.दून अस्पताल प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्य और राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की और उन्हें सभी सरकारी संस्थानों में पार्किंग निशुल्क किए जाने की अपील की. अशोक वर्मा का कहना है कि मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को सुझाव दिया कि जिन सरकारी कार्यालयों और एमडीडीए के कॉम्प्लेक्स में पार्किंग शुल्क वसूल किया जा रहा है, उनमें या तो पार्किंग निशुल्क की जाए या फिर पहले 30 मिनट जनहित में पार्किंग निशुल्क की जाए.
अशोक वर्मा का कहना है कि दून अस्पताल में मरीजों को कभी डॉक्टर नहीं मिलता तो कभी किसी कार्यालय में कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं होता. किसी व्यक्ति को कर्मचारी से काम हो तो कई बार वह कर्मचारी भी नहीं मिलता. इसलिए पहले 30 मिनट अगर निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था बन जाती है तो इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी.अशोक वर्मा ने कहा कि दून अस्पताल राजधानी का प्रमुख अस्पताल है. लेकिन स्थिति यह है कि दून अस्पताल को एकीकृत करके मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित कर दिया गया था. तब से दून अस्पताल में मरीजों की तादाद भी बढ़ी. लेकिन ओपीडी ब्लॉक के बाहर भी सड़क पर वाहन खड़े करने पर मरीजों और तीमारदारों से पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है. यहां आने वाले कई गरीब मरीज पार्किंग शुल्क नहीं चुका पाते हैं. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से दून अस्पताल में निशुल्क पार्किंग की अपील की है.