Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 4 May 2022 4:01 pm IST


भारतीय संस्कृति सभी संस्कृतियों की जननी: चिन्मय


डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि भारत संत, महापुरुषों की धरती है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता विश्व की सर्वाधिक प्राचीन और समृद्ध है। इसे विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी के रूप में माना जाता है। डॉ. पण्ड्या केरलवासियों के आध्यात्मिक तीर्थ संवाद सत्र के विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जीवन जीने की कला हो या विज्ञान हो सभी का विशेष स्थान रहा है। कई देशों की संस्कृतियां तो समय के साथ बदलती रही हैं, किंतु भारत की संस्कृति व सभ्यता आदिकाल से ही अपने परंपरागत अस्तत्वि के साथ अजर-अमर बनी हुई है। इससे पूर्व केरल वासियों ने गायत्री परिवार प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी से भेंट परामर्श किया।

इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख ने दो दिसम्बर को कोचीन में 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ की घोषणा की। इसके साथ ही शांतिकुंज स्थित दक्षिण भारत प्रकोष्ठ महायज्ञ तैयारी में जुट गया। पं. शिवप्रसाद मिश्र ने बताया कि सात दिन तक चले इस आध्यात्मिक तीर्थ संवाद शिविर में कुल 28 सत्र हुए, जिसमें योगाभ्यास, साधना, संस्कार एवं बौद्धिक कक्षाएं शामिल हैं। केरलवासियों ने पहली बार शांतिकुंज में शुक्ल यजुर्वेदीय विधान से रुद्राभिषेक किया।