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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 20 Jul 2022 2:16 pm IST


एक्ट का खुला उल्लंघन, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने उठाए सवाल


 अधिनियम बनाए जाने के बाद भी प्रदेश में तबादलों का विवाद खत्म नहीं हो रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने तबादलों में खेल को लेकर सवाल उठाए हैं। परिषद का आरोप है कि अधिकांश विभागों में तबादला अधिनियम का पालन नहीं हुआ। इससे पात्र कर्मचारी एक बार फिर तबादलों से वंचित रह गए।


परिषद अब इस मसले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उठाने की तैयारी कर रही है। मुख्य सचिव से भी इस बारे में परिषद शिकायत करेगी। परिषद का कहना है कि तबादला अधिनियम इसलिए बनाया गया था ताकि पात्र कर्मचारी का स्थानांतरण हो सके और तबादलों में पारदर्शिता रहे। अधिनियम में तबादला प्रक्रिया के लिए बाकायदा समय सारिणी निर्धारित है।


इसके तहत प्रत्येक तबादला सत्र के दौरान दुर्गम और सुगम में तैनात कर्मचारियों की सूची तैयार होती है। इस सूची के आधार पर वरिष्ठता सूची बनती है। इसे विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है। कर्मचारियों से इसके संबंध में आपत्तियां मांगी जाती है। उनकी सुनवाई होती है। उनसे तीन से पांच विकल्प मांगे जाते हैं। आदेश में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि तबादला अनुरोध के आधार पर हुआ है या प्रशासनिक आधार पर। 

परिषद का आरोप है कि अधिकांश विभागों में अधिनियम के नियमों का पालन नहीं किया गया और तबादलों में स्पष्ट रूप से मनमानी की गई। परिषद ऐसे विभागों की सूची तैयार कर रही है। अभी तक परिषद के पास महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, गन्ना विकास, आईटीआई, अर्थ एवं संख्या विभाग समेत एक दर्जन विभागों से शिकायतें प्राप्त हो चुकी है। अन्य विभागों से भी ऐसी शिकायतें मिल रही हैं।