मनरेगा श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी भरने में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। हरिद्वार के बाढ़ वाले इलाकों से श्रमिकों की हाजिरी की सूखी भूमि पर काम करने का फोटो अपलोड कर दिया। इस तरह का मामला पकड़ में आने के बाद मनरेगा प्रकोष्ठ ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी अब एनएनएमएस सॉफ्टवेयर के जरिए भरी जाती है।
इसमें श्रमिकों की कार्यस्थल की फोटो सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाती है। इधर, मुख्यालय में 12 जुलाई की समीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले में कई ऐसे फोटो नजए आए, जिसमें श्रमिक सूखी भूमि पर काम करते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि इन गांवों में इन दिनों बाढ़ आई हुई है। इस पर संदेह जताते हुए विभाग ने अन्य जिलों का भी विवरण लिया तो अन्य जगह भी कुछ ऐसे मामले नजर आए।
राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने सभी जिला विकास प्राधिकरणों से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जिलों की रिपोर्ट में यदि फर्जीवाड़ा साबित हुआ तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हड़ताल की अवधि का मानदेय मांगा: मनरेगा कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर, वर्ष 2021 में हुई 84 दिन की हड़ताल अवधि का मानदेय जारी करने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष सुंदरमणि सेमवाल ने कहा कि तब सीएम ने हड़ताल अवधि का मानेदय दिए जाने का आश्वासन दिया था। अब तक इसका शासनादेश नहीं हुआ। सेमवाल ने कहा कि विभाग ने अल्मोड़ा जिले में रिक्त पदों को आउटसोर्स एजेंसी के जरिए भरना शुरू कर दिया है। इसका संगठन विरोध करता है।