आयकर विभाग ने हाल ही में आकलन वर्ष 2022-23 के लिए नया आईटीआर फॉर्म जारी किया है। आईटीआर फॉर्म-1 से 6 तक के सभी फॉर्म लगभग पिछले साल की तरह ही हैं। इनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। हांलाकि, आयकरदाताओं को इस साल से आईटीआर फॉर्म भरते समय कुछ अतिरिक्त जानकारियां देनी पड़ेंगी।
इन जानकारियों में पेंशन के स्रोत की सूचना, ईपीएफ खाते से मिले ब्याज, जमीन खरीद या बिक्री की तारीख जानकारी समेत कई अन्य सूचनाएं देनी होंगी। अगर इन बदलावों की जानकारी नहीं होगी। तो आपको रिटर्न फॉर्म भरने में परेशानी हो सकती है। तो आइये आपको बताते हैं कि आपको आईटीआर फॉर्म भरते समय किन बातों का ध्यान रखना है।
पेंशन पाने वाले लोगों को आईटीआर फॉर्म भरते समय कुछ सूचनाएं देनी होंगी। अगर आपको केंद्र सरकार से पेंशन मिल रही है तो ‘पेंशनर्स सीजी’ चुनना होगा। और राज्य सरकार के पेंशनरों को ‘पेंशनर्स एससी’, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पेंशनरों को ‘पेंशनर्स पीएयसू’ विकल्प चुनना होगा। बाकी पेंशनभोगियों को ‘पेंशनर्स अदर्स’ का चुनाव करना होगा, ईपीएफ पेंशन भी शामिल है। इसके अलावा एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के बीच कोई जमीन खरीदने या बेचने पर आईटीआर फॉर्म में कैपिटल गेन्स के अंदर खरीद या बिक्री की तारीख भी बतानी होगी। इसके अलावा, जमीन या बिल्डिंग के रिन्यू पर होने वाले हर साल होने वाले खर्च की जानकारी भी देनी होगी। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स निकालने के लिए इस खर्च को बिक्री की कीमत से घटानी होगी।
और अगर आप ईपीएफ खाते में किसी साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं। तो अतिरिक्त योगदान पर मिले ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना होगा। इसकी जानकारी भी आईटीआर फॉर्म में देनी होगी। अगर विदेश में आपकी कोई संपत्ति है या विदेश से किसी एसेट पर लाभ ले रहे हैं या ब्याज से कमाई हुई है तो आईटीआर फॉर्म-2 और फॉर्म-3 में इसकी भी जानकारी देनी होगी। अगर किसी व्यक्तिगत टैक्स भरने वाले ने देश के बाहर कोई संपत्ति बेची है। तो नए आईटीआर फॉर्म में इसकी जानकारी देनी होगी। इसमें खरीदार और संपत्ति का पता जैसी जानकारियां देनी होंगी।
टैक्स एवं निवेश सलाहकार मनोज जैन के मुताबिक, नए आईटीआर फॉर्म में विदेशी रिटायरमेंट लाभ खातों के लिए अगल से कॉलम बनाया गया है। अगर आपके पास यह खाता है, और उससे कमाई होती है तो उसकी जानकारी इस साल से देनी होगी। हालांकि, आयकर कानून की धारा 89ए के तहत इसमें टैक्स छूट का दावा भी कर सकते हैं।