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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 1 Jul 2023 6:49 pm IST

मनोरंजन

आदिपुरुष के मेकर्स को कोर्ट में पेश होने का आदेश, बेंच ने कहा- फिल्म के कुछ सीन बेहद अपमानजनक


एंटरटेनमेंट डेस्‍क: ओम राउत निर्देशित फिल्म आदिपुरुष पर विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत और डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपनी बात रखने की मांग की है।

जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्री प्रकाश सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार को प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन अभिनीत फिल्म को जारी किए गए सर्टिफिकेट की फिर से समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है। 28 जून को दिए अपने आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म के डायलॉग राइटर सहित फिल्म निर्माताओं ने फिल्म में धार्मिक पात्रों को उनकी पवित्रता का ध्यान रखे बिना पेश किया है। इस संबंध में अदालत ने आगे कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच और एक्सप्रेशन के नाम पर किसी को भी शालीनता या नैतिकता या पब्लिक ऑर्डर आदि के खिलाफ कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

फिल्‍म को लेकर कोर्ट ने की ये टिप्‍पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे लिए, यह फिल्म पहली नजर से ही इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 19 के तहत निर्धारित किए गए टेस्ट में ही क्वालीफाई नहीं होती हैन केवल फिल्म के डायलॉग घटिया भाषा के हैं, बल्कि देवी सीता को चित्रित करने वाले फिल्म के कई सीन भी उनके चरित्र के लिए अपमानजनक हैं। विभीषण की पत्नी का चित्रण करने वाले कुछ सीन भी पहली नजर से ही आपत्तिजनक हैं। यहां तक कि रावण, उसकी लंका आदि का पिक्चराइजेशन भी कितना फनी और चीप है। उन्‍होंने आगे कहा कि ऐसी फिल्म बनाते समय, फिल्म मेकर्स और डायलॉग राइटर ने बड़े पैमाने पर किरदारों और संवादों को शर्मनाक व अश्लील तरीके से पेश करते हुए पब्लिक के इमोशंस और फीलिंग्स का ख्याल नहीं रखा है, वो भी यह जानते हुए कि ये किरदार पूज्यनीय हैं।

सेंसर बोर्ड ने पूरी नहीं की लीगल ड्यूटी

इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि सेंसर बोर्ड सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के सेक्शन 5-बी के तहत जारी गाइडलाइन्स को फाॅलो किए बिना फिल्म रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट जारी करते समय अपनी लीगल ड्यूटी पूरी करने में असफल रहा। अदालत ने ये टिप्पणियां उन दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कीं, जिसमें फिल्म 'आदिपुरुष' से आपत्तिजनक संवादों और दृश्यों को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।