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• Sat, 6 Jul 2024 10:51 am IST

अपराध

चौहरा हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने लिया फैसला ,आरोपी को फांसी की सजा


देहरादून। दिवाली की रात अपनी गर्भवती बहन समेत परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले हरमीत के खिलाफ हाईकोर्ट ने भी फैसला सुरक्षित रख लिया है। सत्र न्यायालय देहरादून ने इस मामले को दुर्लभ में दुर्लभतम मानते चार लोगों समेत एक गर्भस्थ शिशु की हत्या के दोषी हरमीत को फांसी की सजा सुनाई थी।करीब 10 साल पहले दिवाली की रात के खौफनाक मंजर को उस वक्त हरमीत के सात साल के मासूम भांजे कंवलजीत ने अपनी आंखों से देखा था। पिता, सौतेली मां, बहन और भांजी को मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारे के हाथ कंवलजीत की तरफ भी बढ़े थे, लेकिन पता नहीं कैसे उसके दिल में दया जाग उठी। चश्मदीद कंवलजीत की गवाही इस मामले में अहम बनी थी।23 अक्तूबर 2014, चकराता रोड स्थित आदर्शनगर कॉलोनी के लोगों ने दिवाली मनाई। यहां जय सिंह के मकान पर भी झालरें जगमगा रही थीं। बाहर आतिशबाजी करने के बाद जय सिंह का परिवार सोने के लिए चला गया। हरमीत शायद इसी रात का इंतजार कर रहा था। बाहर अब भी आतिशबाजी चल रही थी। अंदर सभी लोग गहरी नींद में सो गए। हरमीत ने पहले अपने पिता जय सिंह को चाकू से गोद डाला। दूसरे कमरे में मां कुलवंत कौर को मारने के बाद गर्भवती बहन हरजीत के कमरे में पहुंचा। यहां उसने हरजीत और उसकी तीन साल की बेटी को चाकू से गोद डाला। इस बीच भांजे कंवलजीत पर उसे तरस आ गया। हालांकि, उसे भी मारने का प्रयास किया। कंवलजीत के शरीर पर भी कई घाव थे।