कोटद्वार: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में स्थित श्री सिद्धबली मंदिर परिसर में श्री हो गया। यह अनुष्ठान तीन दिवसीय रहा। इस दौरान आस्था के हैरतअंगेज दृश्य देखने को मिले।देवताओं का आह्वान करते हुए जागर लगाए गए। जागरों के दौरान कई पुरुष व महिलाएं देवता के प्रभाव में आकर दहकते अंगारों पर नाचते दिखे। जागर संपन्न होने के बाद सवा मन रोट का भोग लगाया गया व बाद में इस रोट को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।तीन-दिवसीय मेले के अंतिम दिन आज ब्रह्ममुहूर्त में श्री सिद्धबाबा के महाभिषेक के उपरांत आचार्य पं. देवी प्रसाद भट्ट के सानिध्य में रुद्र पाठ हुआ।तत्पश्चात उन्हीं के संयोजकत्व में पिछले तीन दिन से चल रहे एकादश कुंडीय यज्ञ का भी पूर्णाहुति के साथ समापन किया गया। यज्ञ समापन के उपरांत श्री सिद्धबाबा के जागर शुरू हुए।‘अलेठी-पलेठी धौला उड्यारी जाग, मोड़ाखाल जाग, मलोठी भाबर मा जाग, सिद्धबली मंदिर मा सिद्धबाबा जाग, माता विमला मोहरी को जाग, राजा कुंवरपाल को जाग..' जैसे जागरों की धुन के बीच कई महिलाएं व पुरुष ‘देवी-देवताओं' के प्रभाव में आकर नाचने लगे।