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• Fri, 5 Mar 2021 7:42 am IST


सेवा किसी भी जीवन का सबसे कठिन कार्य है: आचार्य बालकृष्ण


हरिद्वार - पतंजलि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना का सप्तदिवसीय शिविर  समापन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति  आचार्य बालकृष्ण  का मंगल तिलक किया। आचार्य बालकृष्ण ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना समाज के प्रति समर्पित एक भाव है। सेवा किसी भी जीवन का सबसे कठिन कार्य है जिसको करना प्रत्येक व्यक्ति के वश की बात नहीं है। और जो इस मार्ग में लग गया समझो उस व्यक्ति का जीवन सफल हो गया। उन्होंने कहा कि कार्य कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, कार्य करने की मंशा महत्वपूर्ण होती है। कोई कार्यक्रम छोटा तो हो सकता है मगर वह देश सेवा या समाज सेवा से जुड़ा हुआ है तो उससे बड़ा कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता। आज सभी को इस सेवा के कार्य से जुड़ना चाहिए। नेपाल से आए विद्यार्थियों से उन्होंने राष्ट्रीय सेवा से जुड़ने का आह्नान किया।

प्रति-कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग नशे की चपेट में घिरता जा रहा है। नशा व्यक्ति का समूल नाश कर देता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति को लेकर पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम व नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाता रहा है। पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य जी महाराज नशा उन्मूलन को लेकर पूर्ण प्रतिबद्ध हैं तथा विभिन्न मंचों के माध्यम से नशा मुक्ति उनका प्रमुख लक्ष्य रहा हैपतंजलि विश्वविद्यालय के सक्रिय स्वयंसेवकों ने नुक्कड़ नाटक और रेली संगोष्ठी के माध्यम से जन-जागरण को नशे से कैसे दूर रहा जाए, ऐसे उपायों को प्रेरित करने का कार्य किया। पतंजलि विश्वविद्यालय ने सात दिवसीय इस शिविर में नशे से आप कैसे मुक्त रह सकते हैं, इस पर अपने विचार जनमानस से साझा किए। साथ ही आप अपने उत्तराखण्ड को कैसे संस्कारों से युक्त कर सकते हैं, इस विषय पर भी जनमानस में चेतना देने का कार्य इस सात दिवसीय शिविर कार्यक्रम में करने का प्रयास किया। समारोह में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी। साथ ही नशा मुक्त उत्तराखण्ड और संस्कार युक्त उत्तराखण्ड विषय को सकारात्मक ऊर्जा के द्वारा जनमानस में संचारित करने का काम किया गया। कार्यक्रम में अंकुश मैत्रयी, सार्थक, रिया, अदिति, वसंत, मेघा, जगदीप, वरदान, पल्लवी आदि ने अपनी सक्रिय भूमिका प्रदान की।