Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 13 Oct 2021 11:49 am IST

जन-समस्या

पशु बलि रोककर क्रूरता के साथ कुरीति भी खत्म कर रहा गायत्री परिवार


अल्मोड़ा। हाईकोर्ट की ओर से पशु बलि प्रथा पर रोक लगाने के बाद भी लोग नवरात्र के अवसर पर मंदिरों में पशुुओं की बलि देने पहुंच रहे हैं। चितई गोलू मंदिर में भी इन दिनों कई लोग बलि के लिए जानवर लेकर आ रहे हैं। गायत्री परिवार ने पशु बलि रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया है। इससे प्रेरित होकर लोग मंदिर से बिना पशु बलि किए ही वापस लौट रहे हैं। नवरात्र शुरू होने से अब तक गायत्री परिवार चितई मंदिर में 16 लोगों को पशुबलि देने से रोक चुका है। कुमाऊं में न्याय के देवता माने जाने वाले गोलू देवता से लोग मनोकामना मांगते हैं और मनोकामना पूरी होने पर उनके मंदिर में बकरे आदि की बलि देते हैं। हाईकोर्ट ने भी मंदिरों में पशु बलि पूरी तरह प्रतिबंधित की है। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग चोरी छुपे पशु बलि के लिए चितई मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर कमेटी भी लोगों को पशु बलि के खिलाफ जागरूक कर रही है। साथ ही गायत्री परिवार ने भी पूरे राष्ट्र में इसके खिलाफ अभियान चलाया है। नवरात्र में पशु बलि रोकने के लिए गायत्री परिवार की एक टीम रोजाना चितई गोलू मंदिर पहुंच रही है और वहां पशु बलि के लिए आने वाले लोगों को समझा रही है।