भगवान बदरीनाथ की अखंड ज्योति और अभिषेक के लिए नरेन्द्रनगर स्थित राजमहल में टिहरी राजपरिवार की अगुवाई में नगर की सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर तिलों का तेल पिरोया। विधिवत पूजा अर्चना के बाद तेल कलश को लेकर डिमरी समुदाय के लोग बदरीनाथ धाम के लिये रवाना हुये, यह तेल बदरीनाथ धाम में छह माह तक चलने वाली पूजा के उपयोग में आऐगा।आगामी आठ मई को सुबह छह बजकर 15 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिये भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुले जाऐंगे। शुक्रवार को भगवान बदरीनाथ के लेप और अखंड ज्योति के उपयोग में आने वाले तिलों के तेल को पिरोने से पूर्व राजपरिवार के राजपुरोहित कृष्णा प्रासद उनियाल ने महाराजा मनुजेंद्र शाह और उनकी पुत्री श्रीजा शाह अरोड़ा के हाथों विधि विधान से पूजा अर्चना करवाकर तेल पिरोने का श्रीगणेश करवाया। सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और उनकी पुत्री के नेतृत्व में नगर की 60 से अधिक सुहगिन महिलाओं ने मूसल और सिलबट्टे की मदद से तिलों के तेल को पिरोया। राज पुरोहित ने बताया कि तिलों का तेल पिरोने के बाद उसे एक विशेष बर्तन में गर्म किया जाता है, साथ ही तेल में विशेष प्रकार की जड़ी बूटी डाली जाती है, ताकि तेल में लेश मात्र पानी ना रह पाये।