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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 17 Jun 2022 4:06 pm IST


बिना नारी बनता नहीं एक सुखी परिवार


महिला एवं बाल सहायता समिति कार्यालय में समिति अध्यक्ष और महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों की काउंसलर सरोज ठाकुर ने गोष्ठी में अपराजिता के मतलब को समझाया। कहा, महिला को समाज में बराबर का दर्जा दिया जाए तो वह खुद ही मजबूत और आत्मनिर्भर हो जाएंगी।

बृहस्पतिवार को महिला एवं बाल सहायता समिति कार्यालय में अमर उजाला फाउंडेशन के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत आयोजित गोष्ठी में महिला वक्ताओं ने महिला सशक्तीकरण विषय पर अपने विचार रखे। नन्हीं बालिकाओं ने नारी शक्ति पर कविता पाठ कर खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की शुरुआत बिना नारी बनता नहीं एक सुखी परिवार, नारी को सम्मान दो यह है उसका अधिकार... पंक्तियों से हुई। वक्ताओं ने कहा कि एक सशक्त महिला वही होती है जो शिक्षित हो। शिक्षित महिला से परिवार शिक्षित होता है और तरक्की के रास्ते खुलते हैं। कार्यक्रम के दौरान महिला वक्ताओं ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार देने होंगे, तभी महिला सशक्तीकरण का अर्थ सार्थक होगा।

हर मां को अपने बेटे-बेटी को समानता की नजर से देखना चाहिए। खासकर बेटियों के साथ मां को मजबूती के साथ खड़ा होना चाहिए। जब तक महिला आत्मनिर्भर नहीं होगी तब तक समाज में महिला सशक्तीकरण नहीं हो सकता।