द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद देवीभागवत व श्री शिव पुराण का मंगलवार को समापन हुआ। नौ दिवसीय इस धार्मिक अनुष्ठान में सैकड़ों भक्त धाम में पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित किया। कथा के नौवें दिन शिव महापुराण का रसपान करा रहे कथावाचक आचार्य महामाया प्रसाद शास्त्री जी ने कहा कि शिव जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्मांडीय अस्तित्व के आधार हैं।सभी पुराणों में शिव पुराण को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होने का दर्जा प्राप्त है। इसमें भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिग, भक्तों और भक्ति का विशुद्ध वर्णन किया गया है। सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। श्रीमद देवी भागवत का रसपान करा रहे कथावाचक हरिओम देवशाली ने कहा कि जहां देवी भागवत कथा व पूजा होती है। उस घर में लक्ष्मी नारायण की कृपा सदैव बनी रहती है। जीवन के बंधन से मुक्ति का एक मार्ग श्रीमद् देवी भागवत कथा श्रवण ही है। इससे भक्तों की सभी परेशानिया दूर हो जाती है।