कलियुग में रामनाम संकीर्तन सबसे श्रेष्ठ: मोरारी बापू
पतंजलि विश्वविद्यालय में ‘मानस गुरुकुल’ विषय पर आयोजित रामकथा के दूसरे दिन हनुमान चालीसा के साथ कथा का शुभारंभ हुआ। मोरारी बापू ने कहा कि रामनाम सरल तो है किंतु यह महामंत्र है, बीजमंत्र है। कलियुग में रामनाम संकीर्तन सबसे श्रेष्ठ है। उन्होंने गुरु, गुरुकुल, गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल यदि आध्यात्मिक तौर पर कोई अभ्यासक्रम निश्चित करता है तो उसकी शुरूआत हमारी पुरातन सनातन परंपरा से करता है। उन्होंने बताया कि गुरुकुल सर्वप्रथम हमें धर्म प्रदान करता है, जगत में अर्थ की भी आवश्यकता है तो गुरुकुल पारमार्थिक अर्थ भी देता है, गुरुकुल हमें व्यक्ति के अनुसार कार्य भी देता है और अंतत: गुरुकुल हमें मोक्ष भी देता है।