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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 12 Apr 2023 12:56 pm IST

राजनीति

मेघालय : पैतृक उपनाम वालों को नहीं मिलेगा आदिवासी प्रमाणपत्र, जिला परिषद ने बताई इसकी वजह...


मेघालय में एक स्वायत्त जिला परिषद ने मातृसत्तात्मक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक अहम फैसला किया है। 

दरअसल, स्वायत्त जिला परिषद ने सभी पारंपरिक खासी ग्राम प्रधानों को केवल अपनी मां के उपनाम का प्रयोग करने वालों को ही आदिवासी प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है। केएचएडीसी के कार्यकारी सदस्य जंबोर वार ने बताया कि- "हमने पारंपरिक ग्राम प्रधानों को खासी हिल्स स्वायत्त जिला खासी सोशल कस्टम ऑफ लाइनेज एक्ट, 1997 की धारा 3 और 12 के मुताबिक, आदिवासी प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। 

इस प्रमाणपत्र के मुताबिक, मां के उपनाम का उपयोग करने की हमारी प्रथा का पालन करने वालों को ही खासी के रूप में पहचाना जाएगा।" खासी के पालन की जाने वाली मातृसत्तात्मक व्यवस्था की रक्षा, संरक्षण और मजबूती के लिए यह आदेश जारी किया गया था। जो अपने पैतृक उपनामों का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें खासी नहीं माना जाएगा। इसपर पारंपरिक प्रमुख ने उनके लिए आदिवासी प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के आदेश दिए हैं। 

इसके अलावा परिषद ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों को राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने या किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य बनने पर भी रोक लगाई गयी है। यह निर्णय 15 मार्च को परिषद की एक कार्यकारी बैठक के दौरान लिया गया था। यह आदेश नया नहीं है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक चेतावनी है। अगर पारंपरिक मुखिया राजनीति में शामिल हो जाते हैं, तो यह गांव, उनके कामकाज और विकास को प्रभावित कर सकता है।