हरिद्वार। शहर के बीचोबीच मोरा तारा ज्वेलर्स के शोरूम में पिछले दिनों हुई दो करोड़ से ज्यादा की डकैती का खुलासा कर चुकी पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है पुलिस ने इस मामले में बुलंदशहर के ताऊ गिरोह के पांच और डकैतों को गिरफ्तार किया है उनके कब्जे से करीब 1 करोड रुपए मूल्य के गहने भी बरामद हुए हैं डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस की पीठ थपथपाई है ।
एसएसपी सेंथिल अबुदई ने इन अपराधियों की गिरफ्तारी की जानकारी पत्रकारों को दी उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले डकैतों के सरगना सतीश चौधरी सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया है ।जिनके पास से 1 किलो 300 ग्राम सोना कीमत लगभग ₹6500 व चांदी लगभग 6 किलोग्राम कीमत ₹600000 व नगदी 1211000 बरामद की है जिन सबकी कुल कीमत लगभग 8300000 रुपये बताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपी सतीश चौधरी ने ही हरिद्वार में लूट का प्लान बनाया था जोकि ताऊ गैंग से संबंध रखता है और उस पर अलग-अलग राज्यों में कई मुकदमें भी दर्ज हैं। बाकी 02 और फरार लोगों की तलाश की जा रही है।
पकड़े गए आरोपियों में सचिन चौधरी पुत्र महेंद्र सिंह निवासी गांव सदरपुर थाना सलेमपुर जिला बुलंदशहर, अमित उर्फ फौजी पुत्र किरण पाल निवासी रायपुर थाना भवन जिला शामली उत्तर प्रदेश, संजय उर्फ राजू पुत्र तेजवीर सिंह निवासी ग्राम बसुति थाना शिकारपुर जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, नितिन मलिक पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी ग्राम कोलायत थाना शामली उत्तर प्रदेश, सत्येंद्र पाल सिंह पुत्र शेर पाल सिंह निवासी ग्राम चांदपुर थाना कोतवाली बुलंदशहर उत्तर प्रदेश हैं।
हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदाई कृष्णराज एस. ने ज्वालापुर कोतवाली में घटना का खुलासा करते हुए बताया बताया कि सतीश चौधरी उत्तर भारत के सबसे खूंखार ताऊ गैंग का सक्रिय सदस्य है जो अक्सर शहर के मुख्य व्यस्त इलाकों में बड़ी-बड़ी लूट और डकैती की घटनाओं को अंजाम देता है जिसके विरूद्ध उत्तर भारत में कई राज्यों में लूट और डकैती के मुकदमा पंजीकृत हैं। वहीं ताऊ गैंग का लीडर इंद्रपाल चौधरी काफी समय से जेल में बन्द है। इंद्रपाल चौधरी के जेल जाने के बाद ताऊ गैंग की कमान सचिन चौधरी ने संभाली है, सतीश चौधरी शहर के बड़े-बड़े शोरूमों की रेकी कर घटना का प्लान तैयार करता है और फिर घटना को अंजाम देने के लिए अपने गैंग में नए लोगों को शामिल करता है।
हरिद्वार पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान सतीश चौधरी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए बदमाश अलग-अलग रास्तों से आये और जिला पंचायत गेस्ट हाउस रुड़की में ही पूरी रणनीति बनाई गई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश अलग-अलग रास्तों से निकलते हुए दोबारा जिला पंचायत गेस्ट हाउस पहुंचे जहां उन्होंने पूरी रात बिताई और अगले दिन एंबुलेंस का सहारा लेकर पुलिस की नाकेबंदी को चकमा देते हुए वह फरार हो गए।