नारायणबगड़ तहसील के डुंग्री गांव में लापता ग्रामीणों की खोजबीन के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी की रेस्क्यू टीमें मलबे के अंदर लगातार ग्रामीणों की तलाश कर रही हैं। वहीं अब सरकार के निर्देश पर डाग स्क्वायड की टीम भी लापता व्यक्तियों को तलाशने के लिए डुंग्री गांव पहुंच चुकी है। खोजी कुत्तों के माध्यम से मलबे में लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है। 19 अक्टूबर को डुंग्री गांव के आल्यूं तोक में बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइन की मरम्मत को गए ग्रामीण भरत सिंह और महावीर सिंह मलबे में दब गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसडीआरएफ के आठ और एनडीआरएफ के 18 जवान लगातार रेस्क्यू में जुटे थे। लापता व्यक्तियों की तलाश में सफलता न मिलने के बाद बीते दिन एसएसबी के 11 जवानों को भी रेस्क्यू में लगाया गया था, लेकिन सात दिन बीतने के बाद भी अभी तक रेस्क्यू टीमों के हाथ सफलता नहीं लग पाई है। रेस्क्यू टीमें लापता व्यक्तियों की तलाश में दिन-रात एक किए हुए हैं। अब सरकार के निर्देश पर डुंग्री गांव के आल्यूं तोक में डाग स्क्वायड की टीम ने पहुंचकर मलबे में लापता व्यक्तियों की खोजबीन शुरू कर दी है। सोमवार को एक खोजी कुत्ते को लगातार मलबे में इधर-उधर दौड़ाया गया ताकि लापता व्यक्तियों का पता चल सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. शिव प्रसाद कुड़ियाल के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणबगड़ के चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू टीम में लगे जवानों के साथ ही ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं भी वितरित की। गांव के प्रधान नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जवानों के साथ ग्रामीण भी दिन रात रेस्क्यू में लगे हुए हैं।