हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि (Garhwal University) में वर्ष 2002 से 2008-09 में हुए प्राइवेट परीक्षा फार्म बिक्री घोटाले को लेकर चल रही जांच के मामले में मंगलवार को सीबी-सीआईडी (CBCID) की टीम ने विवि में पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की। जिससे विवि में हड़कंप मचा रहा। इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2013 में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसकी जांच सीबी-सीआईडी द्वारा की जा रही है।
सोसायटी फॉर रेगुलेशन अगेस्ट करप्शन की ओर से इस मामले को उठाया गया था। सोसायटी के महासचिव संतोष मंमगाई ने बताया कि गढ़वाल केंद्रीय विवि के परिसरों सहित संबद्ध कॉलेजों व संस्थानों में प्राइवेट परीक्षा फार्म की बिक्री के संदर्भ में आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी। जिसमें उन्हें केवल 2009 में परीक्षा फार्म की बिक्री की जानकारी दी गई।कहा आरटीआई में बिक्री के अनुपात में परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या कई अधिक होने की बात उजागर हुई थी। जिससे विवि को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि उस समय विवि प्रशासन व पुलिस प्रशासन को उक्त मामले में कार्यवाही को लेकर प्रतिवेदन दिया गया था। लेकिन किसी भी स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई।