उत्तराखंड के पहाड़ के जंगलों में लगी भयंकर दावानल से हजारों की संख्या में मासूम पक्षी,उनके घोसले और अंडे झुलस रहे हैं। इन पक्षियों में वो पक्षी भी हैं जो मार्च से मई तक हिमालयी इलाकों में प्रवास करते हैं। पक्षियों के जीवन चक्र के जानकार और वर्ड वाचर्स भी मानते हैं कि यह वक्त पक्षियों के प्रजनन का समय है । पहाड़ के जंगलों में लगी आग से पक्षी, उनके अंडे और घोसले बड़ी संख्या में झुलस रहे हैं। वनाग्नि से न सिर्फ पक्षियों को बल्कि जमीन पर रेंगने वाले लाखों जीव जंतुओं यहां तक कि सर्पप्रजाति के जन्तुओं के जीवन को खतरा हो गया है। हिमालय क्षेत्र के पक्षियों के जीवन चक्र के जानकार और वर्ड वाचर प्रभात बिष्ट बताते हैं कि आग से पक्षियों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है।