प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के आठ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को एक अप्रैल से मुफ्त किताबें मिलेंगी। खास बात यह है कि 9वीं से 12वीं तक के समस्त छात्र-छात्राओं को पहली बार मुफ्त पाठ्य पुस्तकें दी जाएंगी। जिस पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी। जबकि एक से आठवीं तक के बच्चों की किताबों पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार वहन करती रही है। प्रदेश में एक से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को पहले सर्व शिक्षा अभियान और अब समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार की ओर से मुफ्त किताबें या इसके लिए पैसा दिया जाता रहा है। पिछले वर्ष कक्षा एक से आठवीं तक के 6.50 लाख छात्र-छात्राओं को किताबों के लिए डीबीटी के माध्यम से पैसा दिया गया, लेकिन इस बार नए शिक्षा सत्र 2022-23 से इन छात्र-छात्राओं को किताबों के लिए पैसा नहीं बल्कि किताबें मिलेंगी।