नैनीताल-चुनावी साल में जब सड़कों के लिए बजट आना शुरू हुआ तो लोगों को लगा कि गली-मोहल्लों की सड़कें चकाचक हो जाएंगी। हुआ भी ऐसा ही। सड़कें बनीं, वाहन सरपट दौड़ने लगे। सड़क की यह खुशी कहीं दिनों में तो कहीं महीनों तक सीमित रही। हाल यह है कि जगह-जगह से डामर उखड़ने लगा है। कई सड़कों में 15 दिन में ही गड्ढे पड़ने लगे हैं। अब अधिकारी इन सड़कों पर टल्ले लगा रहे हैं। रविवार को अमर उजाला टीम ने काठगोदाम से नैनीताल, कालाढूंगी रोड, कमलुवागांजा से कोटाबाग, मोतीनगर चौराहे से पदमपुर, मोटाहल्दू से रामपुर रोड गन्ना सेंटर तक की सड़कें देखी तो हर जगह सड़कों की दुर्दशा सामने आई।