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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 28 Feb 2022 7:22 pm IST


जान जोखिम में डाल सफर करने को मजबूर ग्रामीण


गरमपानी। आपदा के चार माह बीत जाने के बाद भी ग्रामीण आज भी बदहाल मार्गों पर जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं। खैरना पुल से मझेड़ा और डोबा की तरफ पैदल मार्ग आपदा की भेंट चढ़ गया था। चार माह बीत जाने का बावजूद खस्ताहाल मार्ग को सही नहीं कर पाने से से स्कूली बच्चे और ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल 19 अक्टूबर को शिप्रा नदी में आई भारी तबाही से नदी किनारे काफी मात्रा में भू-कटाव होने से खैरना, मझेड़ा, डोबा, कीमू, दड़माड़ी, नौणा, सीम, व्यासी, अमटूनौली और सरस्वती शिशु मंदिर खैरना और राइंका खैरना को स्कूल आने जाने वाले स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से आसपास के नजदीकी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का राशन और सामान ले जाने के लिए शिप्रा नदी से बनाए गई वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही करनी पड़ रही है।