Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 28 Jun 2022 7:00 am IST


प्रसव पीड़ा से कराहते आधी रात को चली गर्भवती, पगडंडियों पर टॉर्च के सहारे सुबह पहुंची सड़क तक


सरकार गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का डंका पीट रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जौनपुर विकासखंड का लग्गा गोठ गांव की एक गर्भवती प्रसव पीड़ा में रात में छह घंटे पैदल चलकर जंगल के रास्ते ढाई किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंची। गनीमत रही महिला समय पर अस्पताल पहुंच गई, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। 

22 जून की रात करीब 10 बजे गोठ गांव की अंजू देवी पत्नी सोमवारी लाल गौड़ की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। तमाम प्रयासों के बाद भी घोड़े-खच्चर का इंतजाम नहीं हो पाया। थक हार कर सोमवारी लाल ने पत्नी को पैदल ले जाने का फैसला किया। करीब ढाई किमी की खड़ी चढ़ाई वाली जंगल की पगडंडियों पर टॉर्च के सहारे रात करीब 11 बजे अंजू ने सफर शुरू किया।

प्रसव पीड़ा से कराहते हुए अंजू छह घंटे में सुबह करीब पांच बजे सड़क तक पहुंच पाई। वहां से टैक्सी के जरिये अंजू को मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां करीब सात बजे अंजू ने बेटे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। 
धनोल्टी लग्गा गोठ गांव से सड़क से करीब ढाई किमी दूर है। यहां रह रहे 122 परिवार किसी के बीमार होने या महिला के प्रसव पीड़ा होने पर पालकी या घोड़े-खच्चरों से सड़क तक लाते हैं।