बागेश्वर: कोरोना काल में पहली बार देशभर में लगे लॉकडाउन ने कई जिंदगियों को बदल कर रख दिया। कांडा के दिगौली गांव निवासी कुंदन ने मात्र 17 साल की उम्र में रोजगार के लिए घर छोड़ दिया था। वे मुंबई में ऑटो चलाते थे। करीब 23 साल मुंबई में रहने के बाद उन्हें कोरोना के कारण शहर छोड़ना पड़ा। 42 वर्षीय कुंदन बताते हैं कि लॉकडाउन में उनका परिवार मुंबई में दो जून की रोटी के लिए भी मोहताज था। ऐसे समय में फिल्म अभिनेता सोनू सूद मसीहा बनकर आए। उन्होंने उत्तराखंड के लिए बस की व्यवस्था की। उनके सहयोग से हमारा परिवार मुंबई से हल्द्वानी तक पहुंच सका। उन्होंने अपनी बहन से एक गाय ली और दूध बेचकर घर का खर्च चलाने लगे। धीरे-धीरे दूध की मांग बढ़ने लगी तो उन्होंने एक लाख रुपये का लोन लेकर दो गाय और खरीद लीं। अब वे कांडा बाजार में दूध की सप्लाई करने लगे। दूध की मांग बढ़ने लगी तो उन्होंने भी जमा पूंजी से गायों की संख्या बढ़ाना शुरू किया। वर्तमान में उनके पास 12 गाय और छह बछिया हैं। वे रोजाना 65-70 लीटर दूध बेचते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण आवेदन किया था, जिसकी राशि मिलने के बाद वे एक गोशाला का निर्माण करने के साथ 10 गाय भी खरीदेंगे।