नैनीताल-हाईकोर्ट ने चकराता क्षेत्र में अनुसूचित जाति-जनजातियों की जमीन को बड़े पैमाने पर लीज पर दिए जाने के विरोध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार और जैव विविधता बोर्ड को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। भारतीय सेना के रिटायर कैप्टन चेतन चौहान ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को संविधान के अनुच्छेद 46 के तहत सरकार से विशेष लाभ प्राप्त है मगर कई उद्योगों ने चकराता में मनमानी लीज डीड की है। इनमें 30 साल तक लीज देने के बाद स्वत: नवीनीकरण का प्रावधान रखा गया है।