Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 30 Jan 2023 2:30 pm IST


...तो क्या राज्य गठन के 23 साल बाद भी गुफाओं की घाटी को विकसित करने में नाकाम रहीं सरकारें ?


गंगोलीहाट (पिथौरागढ़)। राज्य सरकारें गंगोलीहाट क्षेत्र को गुफाओं की घाटी के रूप में विकसित करने में नाकाम रही हैं। विकासखंड में राईआगर से लेकर पनार तक 14 से अधिक गुफाएं हैं। इन गुफाओं तक सड़क पहुंचाने के साथ ही इन्हें एक-दूसरे से जोड़ा भी नहीं गया है। यहां गुफा सर्किट बने तो बेरोजगार युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकता है।क्षेत्र में फैली गुफाओं की लंबाई 200 से लेकर 800 मीटर तक है। इनके अंदर अनेक प्रकार की कलाकृतियां बनीं हैं जिन्हें हिंदू धर्म ग्रंथों से जोड़कर अनेक देवी-देवताओं के रूप में पूजा जाता है। गंगोलीहाट की गुफाओं का वर्णन स्कंदपुराण के मानसखंड में किया गया है। मानसखंड में शैल पर्वत में समय-समय पर गुफाओं के प्रकाश में आने की बात कही गई है।पाताल भुवनेश्वर के अलावा अन्य गुफाओं में पर्यटन की गतिविधियां शून्य हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सरकारों ने राज्य बनने के बाद इस ओर ध्यान दिया होता तो आज क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को घर में रोजगार मिला होता। 
ये हैं गंगोलीहाट में गुफाएं :
कोटेश्वर गुफा, पाताल भुवनेश्वर, भृगुतुंग पर्वत गुफा, महाकालेश्वर, मुक्तेश्वर, शैलेश्वर, गुप्त गंगा, लटेश्वर, दाणेश्वर, मैलचोर, अमर गुफा, भोलेश्वर, महेश्वर, नागेश्वर गुफा।