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• Thu, 27 May 2021 12:42 pm IST


वरीयता न मिलने पर सामूहिक अवकाश लेंगी 450 नर्से


देहरादून। संविदा स्टाफ नर्सों का कहना है कि अगर सरकार ने अनुभव के आधार पर भर्ती में वरीयता नहीं दी तो एक जून से प्रदेश के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में कोविड ड्यूटी में जुटी 450 से अधिक नर्सें सामूहिक अवकाश पर चली जाएंगी। फिलहाल वह काला फीता बांध काम रही है। संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज संगठन का कहना है कि 2011 में स्टाफ नर्सों की की भर्ती निकालने के बाद 2016 में सिर्फ बैकलॉक के पद भरे गए थे। अब 2621 स्टाफ नर्सों की भर्ती निकली है। जिसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजित होनी है। वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में तैनात संविदा नर्सों का कहना है कि उन्हेंं पांच से लेकर 15 साल का अनुभव होने के बावजूद फ्रेशर की श्रेणी में डाल उत्पीडऩ किया जा रहा है। जबकि उनकी मांग है कि आयुर्वेद नर्स व चिकित्सकों की तरह वरिष्ठता के आधार पर उन्हें मौका मिले। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरिकृष्ण बिजल्वाण व नैनीताल जिलाध्यक्ष अनीता सिंह का कहना है कि पिछले 400 दिनों से कोविड ड्यूटी कर रही कई नर्से संक्रमित भी है। कुछ का स्वास्थ्य भी बिगड़ा है। ऐसे में परीक्षा देना संभव नहीं है। दो मई को पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि लगातार 100 दिन काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को स्थायी नियुक्ति में वरीयता मिलनी चाहिए। ऐसे में संविदा नर्सों को वेटेज मिलना चाहिए।