दिल्ली: पुडुचेरी में अब कांग्रेस की सरकार नहीं है। बुधवार को केंद्र की अनुशंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति दे दी है। ऐसा 40 सालों में पहली बार हुआ जब दक्षिण के किसी भी राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं है। कई विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार सदन में बहुम साबित नहीं कर पाई। जिसके बाद वी नारायाणसामी के अगुवाई वाली सरकार गिर गई। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर भारतीय जनता पार्टी यहां क्या करेगी? माना जा रहा है कि हाल के दिनों में पुडुचेरी में जो हुआ वह कोई अचानक से हुई घटना नहीं है। साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस ने नारायणसामी को राज्य की कमान सौंपी तो तभी से स्थानीय नेता उनके खिलाफ थे। हालांकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान राज्यमंत्री रहे नारायणसामी तभी गांधी परिवार के नजर में आ चुके थे। हालांकि अपनी बार का इंतजार कर रहे कई नेताओं का धैर्य इस कदर जवाब दे गया कि सरकार गिर गई। राज्य में एक बार भी भारतीय जनता पार्टी या उसके गठबंधन की सरकार नहीं आई। पिछले चुनाव में भी भाजपा क एक भी सीट नहीं आई थी । हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा मजबूती के साथ उतर रही है। राज्य में मचे राजनीतिक घमासान से पहले ही बेदी को पद से हटा दिया गया ताकि मौजूदा संकट का ठीकरा भाजपा और उपराज्यपाल पर ना फूटेराज्य में गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली है। माना जा रहा है कि इस रैली में AIADMK, NR कांग्रेस और भाजपा के गठबंधन पर औपचारिक ऐलान कर सकते हैं।