श्रीनगर: एनआईटी ने गुलदार पकड़ने के पिंजरों के वजन में बदलाव करके इन्हें 120 किलो से घटा कर 80 किलो तक बना दिया है. साथ में अब इन पिंजरों को विभाग के लोग ऑटोमेटिक ढंग से भी ऑपरेट कर पायेंगे. इससे पकड़े गए गुलदार को पिंजरे सहित आसानी से वाहन तक ले जाया जा सकेगा. इससे गुलदार को रेस्क्यू करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जा सकेगी और इसे सुरक्षित बनाया जा सकेगा. इसके लिए वन विभाग ने एनआईटी के यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग को जिमेदारी सौपी हैं.राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड के अभियांत्रिकी विभाग में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत डॉ विनोद सिंह यादव, डॉ डी श्रीहरि एवं डॉक्टर विकास कुकसाल को उत्तराखंड वन विभाग ने मानव गुलदार संघर्ष प्रबंधन के अंतर्गत परामर्श परियोजना प्रदान की है. इसके अंतर्गत संस्थान को पोर्टेबल, मजबूत, हल्के वजन और उन्नत ट्रैप केज (जाल पिंजरे) का डिजाइन और पशु सहित जाल-पिंजरे को संभालने के लिए वाहन की स्वचालित प्रणाली का डिज़ाइन बनाने का उत्तरदायित्व दिया गया है.