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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 18 Sep 2024 5:15 pm IST


शोपीश बना फिल्टर प्लांट, 20 हजार की आबादी भुगत रही खामियाजा


रुद्रप्रयाग। पुनाड़ गदेरा-रुद्रप्रयाग पेयजल योजना के स्रोत सुजगीबगड़ में 51 लाख लीटर पानी शोधन क्षमता का फिल्टर प्लांट निर्माण के छह महीने से शोपीश बना है। जलनिगम एवं जल संस्थान के बीच समन्वय नहीं होने से प्लांट का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा नगर की 20 हजार आबादी भुगत रही है। प्लांट का निर्माण इस वर्ष मार्च में पूरा हो चुका है।
80 के दशक में पुनाड़ गदेरा-रुद्रप्रयाग पेयजल योजना का निर्माण किया गया था, इससे हल्की बारिश में भी दूषित पानी की सप्लाई होती आ रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए योजना के स्रोत सुजगीबगड़ में उत्तराखंड जलनिगम ने तीन करोड़ की लागत से 51 लाख लीटर क्षमता का फिल्टर प्लांट का निर्माण किया है। इस प्लांट के बनने से उम्मीद जगी थी कि नगर की 20 हजार आबादी को अब शुद्ध जलापूर्ति होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। क्योंकि कार्यदायी संस्था जलनिगम और जलसंस्थान के बीच समन्वय नहीं है।
एक तरफ जहां जलनिगम सभी मानकों के तहत कार्य पूरा होने की बात कह रहा है। वहीं, जलसंस्थान का कहना है कि तकनीकी तौर पर प्लांट में कई खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के बाद ही हैंडओवर की प्रक्रिया होगी। इन हालातों में नगरवासी अब भी दूषित जलापूर्ति के लिए मजबूर हैं।

नगर पालिका के निवर्तमान सभासद लक्ष्मण सिंह कप्रवाण, सुरेंद्र सिंह रावत, संतोष रावत, सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र भारती आदि का कहना है कि हल्की बारिश में भी पुनाड़ गदेरा पेयजल योजना से मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है। इन हालातों में जलजनित रोगों का खतरा भी बना है। जलसंस्थान की ओर से जो खामियां बताई गई हैं, उनका फिल्टर प्लांट के संचालन से कोई लेना-देना नहीं है। ट्रायल में भी प्लांट पूरी तरह से सही पाया गया है। -नवल कुमार, अधिशासी अभियंता, उत्तराखंड पेयजल निगम, रुद्रप्रयाग सर्वे में फिल्टर प्लांट में कुछ तकनीकी खामियां पाई गई हैं, जिनके बारे में कार्यदायी संस्था जलनिगम को बताया जा चुका है। साथ ही संबंधित निर्माण कार्य की डीपीआर सहित अन्य कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही हैंडओवर की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। -रेवत सिंह रावत, सहायक अभियंता जलसंस्थान रुद्रप्रयाग