संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में सफल होना आसान नहीं होता। बहुत कम ही युवा इसमें सफलता हासिल कर पाते हैं। इन्हीं में से एक हैं कुलदीप द्विवेदी जिन्होंने साल 2015 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 242 हासिल की और आईआरएस (IRS) अफसर बने। बचपन से ही खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी किसी को समस्या उसकी सफलता के रास्ते में नहीं आने दिया।
उत्तर प्रदेश के निगोहां जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर में जन्मे कुलदीप के पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सेक्युरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। उनकी सैलरी उस वक्त महज 1100 रुपये ही थी। वह परिवार में इकलौते कमाने वाले सदस्य हैं। ऐसे में बच्चों को पढ़ाने और घर के अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में काम करते थे। 4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे।
उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2009 में स्नातक कंप्लीट किया फिर 2011 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। कुलदीप ने इलाहाबाद में ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी। उस वक्त उनके पास मोबाइल नहीं था। वह पीसीओ के जरिए घरवालों से बात करते थे। कुलदीप द्विवेदी ने साल 2015 में पहला अटैंप्ट दिया और 242वीं रैंक हासिल की। उनकी ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई थी। कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी करते थे।