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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 26 Sep 2022 5:26 pm IST


शंकराचार्य की नियुक्ति को लेकर संत आमने-सामने, उत्तराधिकारी की घोषणा पर एकमत नहीं


हरिद्वार :  शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद नए उत्तराधिकारी की घोषणा हो चुकी है. लेकिन इस घोषणा को लेकर संत समाज आपस में एकमत नहीं है. कोई संत अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को शंकराचार्य मान रहा है तो कोई उन्हें शंकराचार्य मानने से साफ इंकार कर रहा है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद जहां अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य बनाए जाने को अवैध करार दे रहा. वहीं, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता रहे बाबा हठयोगी ने समर्थन में आकर शंकराचार्य की नियुक्ति को सही ठहराया है. साथ ही दूसरे संतों पर भ्रामक प्रचार करने का आरोप भी लगाया है.अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी महाराज का कहना है कि शंकराचार्य की नियुक्ति का अखाड़ों से कोई लेना देना नहीं है. न ही अखाड़े शंकराचार्य की नियुक्ति करते हैं. शंकराचार्य का चुनाव काशी विद्वत परिषद की ओर से किया जाता है. अन्य पीठ के शंकराचार्य रिक्त पीठ पर शंकराचार्य की नियुक्ति करते हैं. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आश्रम अखाड़ों, मठ मंदिरों में रोजाना संपत्ति को लेकर गुरु-शिष्य और आम जनमानस में झगड़े होते हैं.