चंपावत : उत्तराखंड के प्रमुख धर्मस्थल मां पूर्णागिरि धाम की यात्रा के तरीके में भी बदलाव हुआ है। कभी टनकपुर से ही दो दिन में पूरी होने वाली यह धर्मयात्रा अब चार घंटे में पूरी हो जाती है लेकिन इस बदलाव और सुविधाओं के विस्तार के बीच आस्था के इस धाम में यहां मिलने वाली निशुल्क आवासीय व्यवस्था नहीं बदली है। होली के बाद से शुरू हो करीब तीन महीने तक चलने वाले मेले में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु देवी दर्शन करते हैं। कोरोना से दो साल प्रभावित होने के बाद इस बार 19 मार्च से शुरू हुआ यह मेला 15 जून तक चलेगा। इस मेले में पुजारियों ने श्रद्धालुओं के लिए पारंपरिक रूप से निशुल्क आवासीय व्यवस्था की है। ठुलीगाड़ से मुख्य मंदिर तक के 11 किमी क्षेत्र में श्रद्धालुओं को रहने के लिए किराये के लिए एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ता है। मेला क्षेत्र में पुजारी समाज की करीब 250 दुकानें हैं। इन दुकानों में 20 से 100 लोगों के रुकने की व्यवस्था है। ज्यादातर दुकानें प्रसाद की हैं। इन दुकानों में श्रद्धालुओं के लिए बिस्तर से लेकर ठहरने की व्यवस्था पुजारी और व्यापारी करते हैं।