पहाड़ की ऊंची चोटियों पर पड़ी बर्फ को देखने के लिए पर्यटक लोखंडी का रुख कर रहे हैं। चकराता-त्यूणी राजमार्ग पर धारनाधार से लेकर लोखंडी और कनासर के बीच सड़क के दोनों ओर जमीं बर्फ की मोटी परत का मनमोहक नजारा हाईवे का सफर सुहाना बना रहा है। प्रकृति के इस खूबसूरत नजारे का दीदार करने लोग जौनसार की सैर पर पहुंच रहे हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर की खूबसूरती देखते ही बनती है। बर्फबारी से ढके देवदार, कैल, बांज-बुरास के हरे-भरे जंगल के बीच से गुजर रहे चकराता-त्यूणी राजमार्ग पर कुछ समय पहले हुई बर्फबारी का नजारा सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच रहा है। जौनसार-बावर की ऊंची चोटियों पर बर्फ की मोटी परत है, जिसे पिघलने में काफी समय लगेगा। खासकर चकराता से आगे धारनाधार से लेकर लोखंडी व कनासर के बीच करीब 10 किमी हिस्से में सड़क के दोनों मोटी परत है। इससे राजमार्ग पर सफर करने का अपना अलग मजा है। यहां एनएच विभाग ने यातायात संचालन को जेसीबी व स्नो कटर के लगाया है, जिससे सड़क से बर्फ तो हटा दी, लेकिन दोनों ओर तीन से चार फीट मोटी परत रात में पाला गिरने से कठोर हो गई। घने जंगल के बीच नमी वाले हिस्से में जमीं बर्फ धूप कम निकलने से सुरक्षित है। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो लोखंडी से कनासर के बीच पड़ी बर्फ मार्च के अंतिम सप्ताह तक देखने को मिलेगी। इस बार मौसम की मेहरबानी से क्षेत्र के ऊंचे इलाके में रिकार्ड बर्फबारी हुई है।