लखनऊ: दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-9 के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी व सतर्कता बहुत जरूरी है।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में बीते एक
सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन उत्तर
प्रदेश में स्थिति सामान्य है। दिसंबर माह में प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी रही है। वर्तमान
में कुल एक्टिव केस की संख्या 62 है। बीते 24 घंटों में 27,208 हजार टेस्ट किए गए और एक भी नए मरीज की पुष्टि
नहीं हुई। इसी अवधि में 33 लोग उपचारित
होकर कोरोना मुक्त भी हुए।
कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से होगा पालन
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में कोविड से
बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और
टीका की रणनीति सफल सिद्ध हुई है। संभव है आने वाले कुछ दिनों में नए केस में
बढ़ोतरी हो, ऐसे में हमें
अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।
अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशन, बाजारों जैसे
भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक
करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें।
सीएम योगी ने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों पर
सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करें। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य
सलाहकार समिति के परामर्श के अनुसार आगे की नीति तय की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्रालय से सतत संपर्क-संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट पर सतत
नजर रखी जाए। जो भी नए केस मिले, उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। दैनिक टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। गंभीर, असाध्य रोग से
ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों को
विशेष सावधानी बरतनी होगी।
फिर एक्टिव होंगे कोरोना वारियर्स
सूबे के मुखिया ने कहा कि कोविड प्रबंधन में इंटेग्रेटेड
कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। गृह, स्वास्थ्य और नगर
विकास विभाग परस्पर समंन्वय के साथ आइसीसीसी को फिर से एक्टिव करने की तैयारी
करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र "जहां बीमार-वहीं
उपचार" की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, एएनएम, आशा बहनों, आंगनबाड़ी
कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए। कोविड के खिलाफ अब तक की लड़ाई में इन लोगों ने
बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ग को पुन: एक्टिव करें। ताकि यह अपने क्षेत्रों में
बीमार, कोविड लक्षण
युक्त लोगों पर नजर रखें, जरूरत के अनुसार
तत्काल अस्पताल/डॉक्टर की सेवाएं उपलब्ध कराएं।
सीएम योगी ने कहा कि कोविड के बीच अस्पतालों के
इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। हर जिले में
आईसीयू, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सकों
की तैनाती की गई थी। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ
की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, हर अस्पताल में
पर्याप्त संसाधन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं
का परीक्षण करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के नए पद सृजित किए जाएं। पुराने पदों
में कोई कटौती न की जाए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाए।
कम कीमत पर मुहैया कराई जाएंगी दवाएं
मुख्मयंत्री ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के साथ दवाएं कम
कीमत पर उपलब्ध हों, यह राज्य सरकार
की प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में जीवनरक्षक दवाओं की कमी न
हो। मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की कार्यपद्धति में सुधार की जरूरत है। स्वास्थ्य
मंत्री स्तर से विभाग के कार्यों की समीक्षा की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज’ लक्ष्य के
सापेक्ष विगत दिनों छह जिलों में पीपीपी मोड
पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए 42
कंपनियों/संस्थाओं ने अपनी रुचि दिखाई है। योग्य और समर्थ का चयन कर यथाशीघ्र
मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।
सीएम ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता
स्वयंसिद्ध है। 39.06 करोड़ वैक्सीनेशन
डोज के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीका लगाने वाला राज्य है। प्रदेश में 4.48 करोड़ प्रीकॉशन
डोज भी लगाए जा चुके हैं। कोविड के नए वैरिएंट के दृष्टिगत प्रीकॉशन डोज लगाए जाने
में तेजी की अपेक्षा है। लोगों को प्रीकॉशन डोज की जरूरत और उपयोगिता के बारे में
जागरूक किया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रयागराज माघ मेले के व्यवस्थित
आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य हो। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों को पूर्व में
मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में
पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हुई बाजरा की खरीद की प्रगति उत्साहजनक है। अब
तक 45000 मीट्रिक टन खरीद
हो चुकी है। किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी जिले में कमी न
हो।