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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 21 Oct 2022 12:21 pm IST

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सर्वे में खुलासा: UP में बगैर मान्‍यता चल रहे 7500 मदरसे, इस जिले में सबसे ज्‍यादा


लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में सरकार द्वारा कराया जा रहा मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है। एक महीने पांच दिन तक हुए सर्वे में लगभग 7500 मदरसे बिना मान्यता प्राप्त पाए गए हैं। सर्वे के अनुसार, मुरादाबाद में सबसे अधिक 585, बस्ती में 350 और मुजफ्फरनगर में 240 मदरसों की मान्यता से संबंधित कोई भी प्रमाणपत्र नहीं मिला। वहीं, लखनऊ की बात करें तो यहां पर 100 ऐसे मदरसे पाए गए, जिनकी मान्यता नहीं है। इसके अलावा प्रयागराज और मऊ में 90, आजमगढ़ में 95 और कानपुर में 85 से अधिक मदरसे बिना मान्यता प्राप्त पाए गए हैं।

उत्‍तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्‍य से सरकार ने सर्वे कराया है। इसका मकसद मदरसे को अवैध सिद्ध करना नहीं है, बल्कि सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद 10 सितंबर को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे शुरू किया गया था सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम 20 अक्‍टूबर तक पूरा कर लिया गया है। उन्‍होंने बताया कि टीम के सभी सदस्‍य सर्वे की रिपोर्ट जिलाधिकारियों सौंपेंगे। फिर समीक्षा के बाद जिलाधिकारी एक रिपोर्ट बनाकर 15 नवंबर तक शासन को भेजेंगे। इसके बाद इन मदरसों पर शासन की ओर से फैसला लिया जाएगा।

15 नवंबर तक आ जाएगी पूरी रिपोर्ट: मंत्री धर्मपाल सिंह  

वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सर्वे की पूरी रिपोर्ट 15 नवंबर तक आ जाएगी। हम गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को वैध नहीं मान सकते हैं, लेकिन हम यह कर सकते हैं कि इनमें किस तरीके के कार्य कराएं और उन्हें राष्ट्रीय परियोजनाओं से जोड़कर मुख्यधारा में लाने का काम करें। इस दौरान उन्‍होंने ये भी कहा कि अवैध तरीके से फंडिग पाने वाले मदरसों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

मान्यता प्राप्त मदरसों को यूपी सरकार अनुदान देती है, लेकिन कई ऐसे भी मदरसे हैं जो बिना मान्यता के चलते हैं। सरकार द्वारा 7442 मान्यता प्राप्त मदरसों में लगभग 19 लाख छात्र पढ़ते हैं। एक मदरसे में औसतन करीब 250 बच्चे हैं। सरकार का मानना है कि अगर 20,000 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी मान लिए जाएं और बच्चों की संख्या 50 मानें तो वहां लगभग 10 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं।

मदरसा बोर्ड ने 2017 से नहीं दी मान्यता

वर्ष 2017 से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने मदरसों को मान्यता देना बंद कर दिया है। सर्वे के दौरान अधिकारियों को कई मदरसा संचालकों ने मान्यता नहीं होने का यही कारण बताया। संचालकों-प्रबंधकों का कहना है कि सभी दस्तावेज देने के बाद भी हमें मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में मदरसा वह दीनी तालीम देने के लिए संचालित कर रहे हैं। सरकार के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल 15,613 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।

इन 12 बिंदुओं पर तैयार हो रही रिपोर्ट

मदरसे का नाम

मदरसे को संचालित करने वाली संस्था।

स्थापना वर्ष

मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी अथवा किराए का भवन)

क्या मदरसे का भवन छात्र छात्राओं हेतु उपयुक्त है? (सुरक्षित भवन/ पेयजल/ फर्नीचर/ विद्युत आपूर्ति/ शौचालय आदि)

मदरसे में पढ़ रहे छात्र छात्राओं की कुल संख्या क्या है?

मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या क्या है?

मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है?

मदरसे की आय का स्रोत क्या है?

क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं?

क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर हां तो विवरण देना होगा।

अभियुक्ति (इसमें मदरसा संचालक पक्ष रखना है)।