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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 11 Feb 2022 9:08 am IST


घोषणापत्र में वादा, नैनीताल में विश्व भारती राष्ट्रीय विवि परिसर स्थापित करेगी भाजपा


भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में नैनीताल जिले में टैगोर टॉप हिल पर रवींद्रनाथ टैगोर की स्मृति में विश्व भारती राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का एक परिसर स्थापित करने का वादा किया है। इसके अलावा देवप्रयाग में स्थापित किए जा रहे संस्कृत विश्वविद्यालय में एक वाल्मीकि अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह भी वादे -उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को आईआईटी और अन्य प्रमुख तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता के समकक्ष लाने के लिए साझेदारी कर इसे उन्नतीकृत किया जाएगा। - देहरादून में नए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का जल्द निर्माण एवं संचालन शुरू किया जाएगा। - हर जिले में उत्तराखंड टूल रूम प्रशिक्षण एवं बहु कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा। जहां छात्रों को रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाएगा। - उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा का उत्कृष्टता केंद्र एवं क्वांटम कंप्यूटिंग का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। -

बीएड शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक अनिवार्य इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। -आरटीई के प्रवेश मानदंडों को संशोधित किया जाएगा। - निजी विश्वविद्यालयों के प्रभावी संचालन एवं नए निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए उत्तराखंड राज्य निजी विश्वविद्यालय अधिनियम लागू किया जाएगा। पर्यावरणविद निराश, घोषणापत्रों में नहीं है पर्यावरण संरक्षण की बात प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न दलों की ओर से जारी घोषणा पत्रों में पर्यावरण को खास महत्व न दिए जाने से पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता निराश हैं। उनका कहना है कि इतने संवेदनशील मुद्दे के प्रति राजनीतिक दल गंभीर नहीं हैं। पद्यश्री और मैती आंदोलन के संस्थापक कल्याण सिंह रावत के मुताबिक प्रदेश में किसी भी दल को पर्यावरण की कोई चिंता नहीं है।

यही वजह है कि इस मसले पर कोई बात करना नहीं चाहता। जबकि पर्यावरण के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि पहाड़ के जंगलों में विदेशी घास उग आने से चारे का संकट शुरू हो गया है। यही वजह है कि लोगों ने मवेशी पालने छोड़ दिए हैं। बुग्याल खतरनाक स्थिति में पहुंच गए हैं। जिनके बिना नदियों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। किसी भी पार्टी के घोषणापत्र में बुग्यालों के संरक्षण की बात नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल कहते हैं कि सतत विकास के लिए पर्यावरण के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा, लेकिन राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में इसकी अनदेखी दुखद और चिंता का विषय है।