श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सत्ता की कमान संभालते ही देश को आर्थिक संकट के दलदल से बाहर खींच निकालने का रास्ता सुझाया है। उन्होंने सांसदों को पत्र लिखकर उन्हें सर्वदलीय राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
दिवालिया हो चुके देश को उसके अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से उबारने को लेकर सांसदों को लिखे गए पत्र में लिखा कि, सरकार देश के समक्ष आज मौजूद आर्थिक संकट के कारण पैदा हुई राजनीतिक और सामाजिक अशांति के बाद सामान्य स्थिति धीरे-धीरे बहाल करने के लिए व्यापक प्रयास में जुटी हुई है। जिसको लेकर व्यवस्थित आर्थिक कार्यक्रम लागू करने के लिए जरूरी शुरुआती योजनाएं बनाई जा रही हैं। और आर्थिक स्थिरता के मकसद से शुरुआती कदम भी उठाए जा रहे हैं।
आर्थिक संकट के बीज यहां ज्यादातर महिलाएं परिवार की आजीविका के लिए यौनकर्मी बनने पर मजबूर हो गई हैं। इस कारण देश में कई जगह अस्थायी वेश्यालय खुल गए हैं। पिछले कुछ माह में वेश्यावृत्ति में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। श्रीलंका की मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 60.8 प्रतिशत हो गई जो जून में 54.6 फीसदी थी।