मंत्री गणेश जोशी को अब अपना पैर नहीं कटवाना पड़ेगा, हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि क्योंकि मंत्री गणेश जोशी को शक्तिमान प्रकरण से बरी कर दिया गया है । राजधानी देहरादून की सीजेएम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला लेते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत पांच आरोपियों को शक्तिमान प्रकरण से बरी कर दिया है । आपकी जानकारी के लिए बता दें मंत्री गणेश जोशी पर विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के घोड़े जिसका नाम शक्तिमान था उसकी टांग तोड़ने का आरोप था । उस आरोप से आज उन्हें बरी कर दिया गया है ।
क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि आज से करीब 5 साल पहले यानी 14 अगस्त 2016 को विधानसभा का घेराव करने पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं को जब रोकने की कोशिश की गई तो थी तब विधायक गणेश जोशी पुलिस के घोड़े पर ही बरस पड़े थे. उन्होंने घोड़े यानी शक्तिमान को लाठी से पीट कर लहूलुहान कर दिया । इस दौरान घोड़ा बुरी तरह घायल हो गया और वहीं जमीन पर गिर पड़ा। उस समय इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थी । इस मामले में तत्कालीन विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें कई दिन सिद्धू वाला जेल में ही बताने पड़े थे।
1 महिनें बाद हो गई थी शक्तिमान की मौत
बीजेपी विधायक की ओर से किए गए हमले में शक्तिमान इतना घायल हो गया था कि उसे अपना पैर तक गंवाना पड़ा था । हालांकि शक्तिमान का इलाज करने के लिए दूर-दूर से डॉक्टर बुलाए गए थे, अमरीका से नकली पैर मंगवाकर भी लगवाया गया था। लेकिन इन सब के बावजूद कुछ हाथ नहीं लगा ओर करीब 1 महीने बाद शक्तिमान ने 20 अप्रैल 2016 को दम तोड़ दिया था ।
अगर दोषी पाया गया तो पैर कटवा लूंगा
उस समय बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने अपने बचाव में कहा था कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो गए, तो उनके पैर काट दिए जाएं. उन्होंने कहा, 'अगर मैं दोषी पाया गया तो हर सजा के लिए तैयार हूं.। लेकिन अब गणेश जोशी को बरी कर दिया है तो ये कहा सकता है कि अब मंत्री को अपना पैर नहीं कटवाना पड़ेगा ।