गोपेश्वर/पीपलकोटी : सिरों गांव के समीप खेतों में खरपतवार जलाने के लिए लगाई आग हवा चलने से भड़क उठी और एक किमी दूर सिणजी गांव तक जा पहुंची। आग लगने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने मवेशियों को खोल सुरक्षित स्थानों पर भेजा। वन कर्मियों ने सिणजी गांव के रास्ते से फायर लाइन खींचकर करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई।वनाग्नि से करीब तीन हेक्टेयर वन संपदा जलकर नष्ट हो गई। दूसरी ओर पीपलकोटी के रौली क्षेत्र के जंगलों में भड़की आग को अलकनंदा वन प्रभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से बुझा लिया।बृहस्पतिवार को दशोली ब्लॉक के सिरों गांव के समीप ग्रामीणों ने अपने खेताें में खरपतवार को नष्ट करने के लिए आग जलाई। इसी दौरान हवा चलने से आग समीप के ही चीड़ के जंगल तक पहुंच गई और दोपहर करीब 12 बजे देखते ही देखते आग बेकाबू हो गई। आग करीब एक किलोमीटर दूर सिणजी गांव तक पहुंच गई। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने आग को बुझाना चाहा लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वन कर्मी उसके सामने भी नहीं जा पाए। जब आग सिणजी गांव के पास पहुंची तो ग्रामीणों ने गोशालाओं से मवेशियों को खोला और सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया। 13 वन कर्मियों ने गांव के पैदल रास्ते पर फायर लाइन खींची इसके बाद आग का रास्ता बदला। इसके बाद आग बालखिला नदी की ओर फैल गई और शाम करीब छह बजे आग बुझा दी गई।