उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती ऑनलाइन मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. मोहन चंद्र भंडारी रहे। संगोष्ठी के रूप में आयोजित कार्यक्रम का विषय देश के जन नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस था।
मुख्य अतिथि डॉ. मोहन भंडारी ने कहा कि आज भारत में राष्ट्रीय चरित्र पैदा करने की आवश्यकता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने लोगों को आत्मीय भाव से भारतीयता से जोड़कर अंग्रेजों के विरोध के लिए तैयार किया। राष्ट्रभक्ति का भाव ऐसा भरा कि सब कुछ छोड़कर लोग आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। आज भी देशभक्ति के लिए लोगों को तैयार करने की आवश्यकता है। डॉ. भंडारी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश के आर्थिक हालात बहुत गंभीर हुए हैं। हमें इनसे जूझने के लिए सामूहिक शक्ति और सकारात्मक विचारों से कर्त्तव्यों का पालन करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि आजादी के नायक के रूप में हम सभी के आदर्श नेताजी रहेंगे। इस दौरान मनोज गहतोड़ी निजी सचिव कुलपति, पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज शुक्ल, डॉ. सुमन भट्ट, सुशील चमोली आदि मौजूद रहे।