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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 1 Jul 2022 7:19 pm IST

एक्सक्लूसिव

Doctor’s Day 2022: डेली इनसाइडर की पहल का डॉक्‍टर्स ने किया स्‍वागत, कहा- बस सम्‍मान ही चाहता है डॉक्‍टर


  • इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी और डेली इनसाइडर के संयुक्‍त रूप से किया सम्‍मान समारोह का आयोजन

लखनऊ: इस साल देश "फ्रंट लाइन पर फैमिली डॉक्टर्स" की थीम के तहत राष्‍ट्रीय चिकित्‍सक दिवस मना रहा है। एक व्‍यक्ति के जन्‍म से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए हर पड़ाव पर एक डॉक्टर उसके साथ होता है। समाज में भगवान का दर्जा पा चुके डॉक्‍टर्स की भूमिका हमने कोरोना काल के दौरान काफी करीब से देखी है। जिस मुस्तैदी के साथ डॉक्‍टर्स ने कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाई है, इसे वाकई उनका समर्पण ही कहा जाएगा। उनके इसी कार्य और समर्पण का सम्‍मान करने के लिए उत्‍तर प्रदेश के पहले न्‍यूज ऐप डेली इनसाइडर ने इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर एक सम्‍मान समारोह का आयोजन किया।

राजधानी लखनऊ स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट में आयोजित सम्‍मान समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्‍य रूप कुमार शर्मा और विशिष्‍ट अतिथि के रूप में गोयल आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डायरेक्‍टर डॉ. आलोक मिश्रा शामिल हुए। इसके अलावा फार्मासिस्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्‍यक्ष सुनील यादव, स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. हेमंत पांडेय, फरमान नेचुरोपैथी एंड योगा सेंटर से डॉ. एमएच सिद्दीकी और डॉ. एएच सिद्दीकी, गोयल आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल से डॉ. मनीष सिंह, पीआरओ डॉ. धीरज श्रीवास्‍तव, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी से प्रदीप कुमार (पीके) शर्मा, आशा सिंह, हेमा गुप्‍ता, सुधा सिंह, कुसुम वर्मा सहित कई सोशल वर्कर्स भी सम्मिलित हुईं। कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों को डेली इनसाइडर की ओर से स्‍मृति चिन्‍ह देकर सम्‍मानित किया गया। इस दौरान सभी अतिथियों ने डेली इनसाइडर द्वारा लगातार चलाए जा रहे जागरूकता भरे मुहिम और अभियानों की तारीफ की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए।

लोगों के लिए लगातार काम कर रही रेडक्रॉस सोसाइटी

मुख्‍य अतिथि रूप कुमार शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डेली इनसाइडर की इस पहल की प्रशंसा की। उन्‍होंने बताया कि इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी पूरे उत्तर प्रदेश में काम करने के साथ ही लखनऊ में भी काम कर रही है। यह समिति आम जनता के हितों और समुदाय के कल्याण के लिए काम करती है। हमने कोरोना काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन और अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर का मुफ्त वितरण किया था। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान लखनऊ टीम ने कई मलिन बस्तियों में राशन वितरित किया था। रेडक्रॉस ने 150 टीबी मरीजों को गोद भी लिया है। छह महीने तक रेडक्रॉस द्वारा उन्हें पुष्टाहार मुहैया कराया जाएगा। इस समय उनकी समिति द्वारा गरीब बस्ती, झुग्गी-झोपड़ी और मलिन बस्तियों में महिलाओं को हाइजीनिक किट बांटी जा रही है। यह उन परिवारों को दी जा रही है, जो इसे खरीद नहीं सकते।


रूप कुमार शर्मा ने चिकित्सक सम्मान समारोह को लेकर कहा कि डेली इनसाइडर और रेडक्रॉस सोसाइटी के संयुक्त प्रयासों से ये समारोह आयोजित हुआ है। डॉक्टर्स भगवान का रूप होते हैं। और जो हमारी जान बचाते हैं, वो सम्मान के हकदार तो होते ही हैं। मैं देश, प्रदेश और लखनऊ के सभी डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। क्योंकि, भगवान ने तो आदमी को पैदा किया है लेकिन उनका जीवन बचाने का कार्य डॉक्टर ही करते हैं।

छोटी-छोटी कड़ियां जोड़कर बना सकते हैं स्‍वस्‍थ भारत  

गोयल आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डायरेक्‍टर डॉ. आलोक मिश्रा ने अपने संबोधन में सबसे पहले डेली इनसाइडर का धन्यवाद दिया और कहा कि समाज में इस तरह के सम्मान समारोह जरूरी होते हैं। उन्‍होंने कहा कि वे पिछले डेढ़ साल से चिकित्‍सा शिक्षा से जुड़े हुए हैं और खासकर आयुर्वेद से। उन्‍होंने बताया कि महान चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय चिकित्‍सक होने के साथ स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्‍होंने जिस तरह से स्‍वतंत्रता संग्राम के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाई, ऐसे में मानना पड़ेगा कि डॉक्‍टर का योगदार किसी भी क्षेत्र में अहम होता है। कार्यक्रम की तारीफ करते हुए डॉ. आलोक मिश्रा ने कहा कि ऐसे ही लोगों के बीच संवाद स्थापित करते रहना चाहिए। आज आवश्यकता है कि हम अपनी दैनिक दिनचर्या को बदलकर स्वस्थ रहें और पूरे संसार व भारत को स्वस्थ रखने का प्रयास करें। इस दौरान उन्होंने रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ जुड़ने का भी ऐलान किया और कहा कि हम ऐसे ही छोटी-छोटी कड़ियां जोड़कर स्वस्थ भारत का निर्माण करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।


गोयल आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉ. मनीष सिंह ने संस्कृत के श्‍लोक से अपने संबोधन की शुरुआत की और कहां कि वैद्य नारायणो हरि: यानी डॉक्‍टर भगवान होता है। लेकिन, मैं मानता हूं कि डॉक्टर इलाज देता है, लेकिन जीवन नहीं। डॉक्‍टर भगवान नहीं बल्कि मंदिर के पुजारी की तरह होते हैं। कोई डॉक्टर भगवान नहीं होता क्‍योंकि डॉक्‍टरी पेशा है, जो बहुत ही की इमानदारी का पेशा है। उन्‍होंने कहा कि डॉक्टर को भगवान मत मानिए, लेकिन डॉक्टर का सम्मान जरूर कीजिएडॉक्टर्स डे पर मेरा यही कहना है कि डॉक्टर का सम्मान करें और उसकी सलाह पर चलें। आपको डॉक्टर से संपर्क करने के समय टाइमिंग का ध्यान रखना पड़ेगा मौसम और डाइट पर ध्यान देना, जिससे मौसमी बीमारियों से बचा जा सके। डॉ. मनीष ने कहा कि आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में आम जनता को तो छो‍ड़िए, डॉक्टर खुद बीमार हैं। ऐसे में प्राणायाम, योगा और ध्यान करने से आम जनता से लेकर डॉक्‍टर तक स्वस्थ रह सकते हैं और अपनी दिनचर्या को सुखद बना सकते हैं।


कोरोना से अभी भी सावधान रहने की जरूरत: सुनील यादव

कार्यक्रम में फार्मासिस्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव ने सभी को चिकित्सक दिवस की बधाई देते हुए संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि इस साल की थीम ये दर्शाती है कि आपके जीवन में फैमिली डॉक्टर का क्‍या महत्त्व है। आपके जीवन में एक ऐसा डॉक्टर होना चाहिए, जिसे आपके बारे में और आपके परिवार के बारे में सबकुछ पता हो और उसे इलाज करने में आसानी हो। उसे डॉक्टर न मानकर अपने परिवार के एक सदस्य रूप में शामिल करें। इसके साथ ही एक फैमिली फार्मासिस्ट भी सभी के पास होना चाहिए, क्योंकि चिकित्सक और फार्मासिस्ट, दोनों के बिना आपका इलाज संभव नहीं है। जब आपके पास दोनों ही होंगे तो इमरजेंसी में आपको दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। साथ ही उन्‍होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। केस फिर से बढ़ने लगे हैं और ऐसे में हमें कोविड-19 के नियमों का पालन करना चाहिए। भीड़भाड़ इलाकों में मास्क लगाना जरूरी है। सुनील यादव ने मीडिया से भी डॉक्टर और अस्पतालों के बारे में गलत और अफवाह भरी खबरें प्रकासित-प्रचारित करने से मना किया है, जिससे लोगों के बीच किसी प्रकार की गलत अवधारणा न बने। क्‍योंकि, डॉक्टर अपने हर मरीज को बचाने का पूरा प्रयास करता है, लेकिन वह भगवान नहीं है।


इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्‍य प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि इंसान के रूप में डॉक्टर्स मरीजों के लिए भगवान होते हैं। वे दिन-रात मरीजों की सेवा करते हैं, बिना किसी भेदभाव के, धर्म निर्पेक्ष होकर वे अपना कार्य करते हैं। मैं डॉक्टर्स और सभी स्वास्थ्य कर्मियों को नमन करता हूं। साथ ही डेली इनसाइडर को भी धन्यवाद देता हूं क्योंकि डेली इनसाइडर की टीम के प्रयासों के बलबूते यह कार्यक्रम सफल बना है। उन्‍होंने रेडक्रॉस के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान हमने मलिन बस्तियों में हाइजीनिक किट, राशन, साबुन आदि का वितरण किया है और किया जा रहा है। साथ ही सोसाइटी द्वारा टीबी के मरीजों को भी गोद लिया गया, जिन्हें पुष्टाहार किट उपलब्ध कराई जा रही है। इस दौरान उन्होंने लखनऊवासियों से अपील की है वे भी रेडक्रॉस सोसाइटी से जुड़कर सामाजिक कार्यों में सहयोग करें।


लाइफस्‍टाइल में बदलाव दिला सकता है बीमारियों से निजात

फरहान नेचुरोपैथी एंड योगा सेंटर के डॉ. एमएच सिद्दीकी ने डेली इनसाइडर और रेडक्रॉस सोसाइटी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारा पेशा हमें सिखाता है कि बिना किसी भेदभाव के हमें निरंतर सभी की सेवा करनी है। शायद इसीलिए डॉक्टर्स को धरती का भगवान माना जाता है। कोरोना काल में भी डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं देनी बंद नहीं की थीं, जिसे याद करके रूह कांप उठती है। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि हम अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनसे निजात पा सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टर अपने मरीज को शत-प्रतिशत सही देखना चाहता है। ऐसे में डॉक्टर के खिलाफ अफवाह फैलाकर उनके पेशे या कार्य पर उंगली नहीं उठाना चाहिए।


इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की सदस्‍य व सामाजिक कार्यकत्री आशा सिंह ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि मैं करीब 10-12 साल से जनसेवा का कार्य कर रही हूं। ऐसा कई बार हुआ कि मैंने एक्यूप्रेशर पद्धति से लोगों के पुराने दर्द ठीक कर दिए तो उन्‍होंने कहा कि आप तो हमारे लिए भगवान हैं, लेकिन मैंने कहा नहीं, मैं नहीं बल्कि डॉक्‍टर भगवान का रूप होते हैं। इस दौरान उन्‍होंने सभी चिकित्‍सकों से अपील करते हुए कहा कि सभी को मिलकर एक जगह पर एक कैंप लगाना चाहिए, जहां ऐसे गरीब तबके के लोग जो पैसों की कमी के कारण अपना इलाज नहीं करा सकते, उन्‍हें बुलाकर उनका नि:शुल्‍क इलाज किया जा सके।


रेडक्रॉस सोसाइटी और डेली इनसाइडर का प्रयास सराहनीय

वहीं, रेडक्रॉस की सदस्‍य व सामाजिक कार्यकत्री हेमा गुप्ता ने कहा कि सभी को डॉक्‍टर्स का सम्‍मान करना चाहिए। उन्‍होंने आम जनमानस को सलाह देते हुए कहा कि सभी परिवार को अपना एक फैमिली डॉक्टर रखना चाहिए क्योंकि, बार-बार डॉक्टर बदलने से आपकी परेशानी खत्म होने की वजह और बढ़ ही जाएगी। उन्‍होंने इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी और डेली इनसाइडर के इस संयुक्‍त प्रयास की प्रशंसा भी की।